ॐ सांई राम जी
बाबा मुट्ठी बाँधकर, हवा हाथ लहराय
जैसे काला नाग ही, फन फूले फुन्नाय
फिर बोले मीठे वचन, द्वारका सब की माय
मात सुरक्षा कवच हो, सर्प नहीं डस पाय ।
===ॐ साईं श्री साईं जय जय साईं ===
बाबा के श्री चरणों में विनती है कि बाबा अपनी कृपा की वर्षा सदा सब पर बरसाते रहें ।